आपके मन में बहुत सारे सवाल आ रहे होंगे जैसे, 5G Technology कैसे काम करता है, 5G मोबाइल कब आएगा और 5G इंडिया मे कब आएगा. इन सब के बारे में आपको निचे बिस्तार से जानकारी मिलेगा.

क्या आप जानते हैं की 5G क्या है (What is 5G in Hindi)? ये 5G Technology कैसे काम करती है? मेह्जुदा 4G के मुकाबले ये 5G किस माईने में बेहतर है? इन्ही सभी चीज़ों के विषय में अगर आपको जानना है तब आपको ये post जरुर पढनी होगी. फोन और हमारा रिश्ता काफी पुराना है और उतना ही मजबूत भी.

हम धीरे hire ज्यादा sophisticated और smarter technology की और रुख कर रहे हैं. इसलिए आज मैंने सोचा की क्यूँ न आप लोगों को 5G क्या है और ये कैसे काम करता है के विषय में पूरी जानकारी प्रदान की जाये जिससे आपको भी इस नयी technology के विषय में जानकारी हो. तो बिना देरी किये चलिए शुरू करते हैं और जानते हैं की 5G नेटवर्क क्या है और 5G इंडिया में कब आएगा?



क्या है 5G Technology ?



5G मोबाइल नेटवर्क का पांचवा जनरेशन है. 5g का Full Form है Fifth Generation. ये Fifth Generation Wireless, या 5G, बहुत ही latest cellular technology है, जिसे की ख़ास तोर से engineered किया गया है जिससे की wireless networks की speed और responsiveness को आसानी से बढाया जा सके.

वहीँ 5G, में Data को wireless broadband connections के माध्यम से लगभग 20 Gbps से भी ज्यादा की speed में transmit किया जा सकता है. इसके साथ ये बहुत ही कम Latency जो की है 1 ms offer करती है और जहाँ real-time feedback की जरुरत है वहां और भी कम. 5G में ज्यादा bandwidthऔर advanced antenna technology होने के कारण इसमें ज्यादा amount की data को wireless के माध्यम से transmit किया जा सकता है.

5G Technology कैसे काम करता है

Wireless networks में मुख्य रूप से cell sites होते हैं जिन्हें की sectors में divide किया गया होता है जो की radio waves के माध्यम से data send करते हैं. ये कहना गलत नहीं होगा की Fourth-generation (4G) Long-Term Evolution (LTE) wireless technology ने ही 5G का foundation तैयार किया था.

जहाँ 4G, में बड़े, high-power cell towers की जरुरत होती है signals को radiate करने के लिए longer distances में, वहीँ 5G wireless signals को transmit करने के लिए बहुत सारे small cell stations की जरूरत होती है जिन्हें की छोटी छोटी जगह जैसे की light poles या building roofs में लगाया जा सकता है.

यहाँ पर multiple small cells का इस्तमाल इसलिए होता है क्यूंकि ये millimeter wave spectrum में — band of spectrum हमेशा 30 GHz से 300 GHz के भीतर ही होती है और चूँकि 5G में high speeds पैदा करने की जरुरत होती है, जो की केवल short distances ही travel कर सकता है.

इसके अलावा ये signals किसी भी weather और physical obstacles, जैसे की buildings से आसानी से interfere हो सकते हैं.

यदि हम पहले generations के wireless technology की बात करें तब इसमें spectrum की lower-frequency bands का इस्तमाल होता था. इसके साथ millimeter wave challenges जिससे की distance और interference ज्यादा होती है, इससे जूझने के लिए wireless industry ने 5G networks में lower-frequency spectrum का इस्तमाल करने का सोचा है जिससे Network operators उस spectrum का इस्तमाल कर सकें जो की उनके पास पहले से ही मेह्जुद है.

एक चीज़ हमें ध्यान रखना चाहिए की Lower-frequency spectrum हमेशा ज्यादा distances cover करती है लेकिन इसमें lower speed और capacity होती है millimeter wave की तुलना में.

5G के Applications क्या हैं

चलिए जानते हैं कुछ significant applications के विषय में

  • ये पूरी दुनिया के लिए एक unified global standard बन सकता है.
  • इसके द्वारा Network availability चारों तरफ होगी जिससे ज्यादा से ज्यादा लोग इस बेहतरीन technology का इस्तमाल कर सकेंगे कभी भी और कहीं भी.
  • इसमें IPv6 technology होने के कारण, mobile की IP address को उनके connected network और geographical position के हिसाब से प्रदान किया जायेगा.
  • ये पूरी दुनिया को एक real Wi Fi zone में तब्दील कर देने की क्षमता रखता है.
  • इसके cognitive radio technology के माध्यम से radio technologies के अलग अलग version समान spectrum को efficiently इस्तमाल कर सकते हैं.
  • इस technology के माध्यम से higher altitude के लोग बड़े आसानी से radio signal की सुविधा प्राप्त कर सकते हैं.
  • 5G इंडिया में कब आएगा

    आप सोच रहे होंगे के 5G मोबाइल कब लॉंच होगा? सरकार ने 5G स्पेक्ट्रम के लिए ऑक्शन की तैयारी शुरू कर दी है. सरकार ने ट्राई से कहा है कि 3400 से 3600 MHz बैंड्स की नीलामी के लिए शुरुआती दाम सुझाए. ट्राई ने इसपर काम शुरू कर दिया है. डिपार्टमेंट ऑफ टेलिकॉम जल्द ही इस संबंध में एक पॉलिसी भी ला सकता है.

    दरअसल एक्सपर्ट्स का मानना है कि भारत में 5G जैसी फास्ट वायरेलस टेक्नॉलजी लाने से पहले डेटा होस्टिंग और क्लाउड सर्विसेज के लिए रेग्युलेटरी कंडिशंस में बदलाव लाया जाना चाहिए.

Frequently Asked Questions (अक्सर पूछे जाने वाले सवाल)

Q – क्या 5G Phones भारत में पहुच चुके हैं?

A – भारत में 5G के services के ऊपर काम 2020 से चालू हो जायेगा और 5G phones 2022 या 2023 तक लोगों को उपलब्ध करवा दिए जायेंगे.

Q – क्या हम अपने 4G Handsets को 5G में upgrade कर सकते हैं ?

A –  इस बात की तो पूरी तरह से पुष्टि नहीं की गयी है लेकिन जानकारों का मानना है की हम users 4G mobiles को 5G के network में इस्तमाल कर सकते हैं.

Q – कब 5G Internet को भारत में launch किया जायेगा ?

A – भारत में 5G Internet को 2022 तक launch कर दिया जायेगा.


मुझे पूर्ण आशा है की मैंने आप लोगों को 5G क्या है? और ये कैसे काम करता है? के बारे में पूरी जानकारी दी और में आशा करता हूँ आप लोगों को 5G क्या है (What is 5G in Hindi) के बारे में समझ आ गया होगा.

मेरा आप सभी पाठकों से गुजारिस है की आप लोग भी इस जानकारी को अपने आस-पड़ोस, रिश्तेदारों, अपने मित्रों में Share करें, जिससे की हमारे बिच जागरूकता होगी और इससे सबको बहुत लाभ होगा. मुझे आप लोगों की सहयोग की आवश्यकता है जिससे मैं और भी नयी जानकारी आप लोगों तक पहुंचा सकूँ.