जैसे-जैसे टेक्नोलॉजी का विकास होता जा रहा है, टेक्नोलॉजी हमारे जीवन को समृद्ध बना रही है, इसके बहुत से फायदे होने के साथ ही कुछ नुकसान भी होते हैं। आइये इस टेक्नोलॉजी से होने वाले फायदे और नुकसानों के बारे में जान लेते हैं। 

5G टेक्नोलॉजी के फायदे और नुकसान




5G टेक्नोलॉजी के फायदे/Advantages of 5G Technology
  • इस टेक्नोलॉजी के माध्यम से हम किसी भी बड़े साइज के Data को तुरंत कुछ ही Second में Upload या Download कर पाएंगे। 
  • 5G टेक्नोलॉजी Traffic Capacity और Network Afficiancy में 20 GB प्रति सेकंड की स्पीड देने में सक्षम है।
  • इस technology के द्वारा पूरी दुनिया में uniform, uninterrupted, और consistent तरीके से connectivity प्रदान किया जा सकता है.
  • आने वाले समय में ये तकनीक VR/वर्चुअल रियलिटी, ऑटोमैटिक ड्राइविंग और इंटरनेट ऑफ थिंग्स के लिए आधार बनने जा रहा है। 
  • 5G सिर्फ आपके स्मार्टफोन इस्तेमाल ओर अनुभव को बेहतर बनाने के साथ-साथ मेडिकल, इंफ्रास्ट्रक्चर और यहां तक कि मैन्युफैक्चरिंग के विकास में भी मदद करने वाला है।
5G टेक्नोलॉजी के नुकसान/Disadvantages of 5G Technology

  • ये टेक्नोलॉजी काफी महंगी होने वाली है। इसके लिए नेटवर्क ऑपरेटर्स को मौजूदा सिस्टम हटाना पड़ेगा, क्योंकि इसके लिए 3.5Ghz से अधिक फ्रीक्वेंसी की जरूरत होती है।
  • 5G टेक्नोलॉजी के महंगा होने के कारण आम इंसान इसे नही प्रयोग कर पायेगा, एक तो इसके प्रयोग के लिए आपके पास 5G युक्त मोबाइल होना चाहिए, जो कि फिलहाल काफी महंगे हैं।
  • Sub-6 Ghz स्पेक्ट्रम की बैंडविड्थ भी लिमिटेड है, इसलिए इसकी स्पीड mm-wave की तुलना में कम हो सकती है।
  • 5G टेक्नोलॉजी में प्रयुक्त मिलीमीटर-वेव कम दूरियों में ज्यादा प्रभावी होता है, और यह बाधाओं में काम नहीं कर सकता है। इसकी Frequency पेड़ों के द्वारा और बारिश के दौरान Absorb भी हो सकती है, इसका मतलब है, कि 5G को ठोस तरीके से लागू करने के लिए नेटवर्क ऑपरेटर को काफी ज्यादा हार्डवेयर लगाने की जरूरत होगी।
  • 5G नेटवर्क के बारे में प्रकृति के खिलाफ काफी चिंताजनक बात बताई है। 5G नेटवर्क से कई किलोमीटर के दायरे तक वेब का जाल बनता है, जिससे पक्षियों और दूसरे जीवों पर बहुत बुरे प्रभाव पड़ते हैं। 

क्या 5G नेटवर्क आने से होगा आपकी हेल्थ को नुकसान?

जब से 5जी के आने की बात हो रही है तब से ये कहा जा रहा है कि इससे हमारी ज़िंदगी पूरी तरह से बदल जाएगी. हालांकि, इसके आने से हेल्थ को लेकर एक बड़ी चिंता ज़ाहिर की जा रही है. ऐसा कहा जाता है कि सिग्नल भेजने और कैच करने के लिए जो मोबाइल टावर/एंटेना लगाए जाते हैं उनके नज़दीक रेडिएशन की फ्रिक्वेंसी काफी होती है जो कि आदमी के स्वास्थ्य को काफी नुकसान पहुंचाती है. और 5जी में डेटा को तेज़ी से ट्रांसफर करने के लिए काफी ज्यादा टावर लगाने होंगे. हालांकि, एक्सपर्ट्स इससे सहमत नहीं हैं उनका कहना है कि अगर भारत रेग्युलेटरी अथॉरिटी द्वारा बनाए गए सुरक्षा उपायों का पालन करता है तो ऐसा कुछ नहीं होगा.



विश्व स्वास्थ्य संगठन भी इसको खारिज करता है. उसका कहना है कि रेडियो फ्रिक्वेंसी की वजह से सिर्फ एक ही प्रभाव पड़ेगा और वह है शरीर का तापमान बढ़ना. शरीर का तापमान बढ़ने से स्वास्थ्य को बहुत ज्यादा नुकसान नहीं होने वाला है.

 नुकसान नहीं पहुंचाती मोबाइल से निकलने वाली फ्रिक्वेंसी


फोर्टिस हॉस्पिटल नोएडा के एडिशनल डायरेक्टर वैभव मिश्रा का कहना है कि आदमी के शरीर को आयोनाइज़िंग नेचर वाली फ्रिक्वेंसी ही नुकसान पहुंचाती है जबकि मोबाइल से निकलने वाली फ्रिक्वेंसी नॉन आयोनाइज़िंग नेचर की होती है, जो कि शरीर को नुकसान नहीं पहुंचाती. उनका कहना है कि अभी तक ऐसा कोई डेटा कलेक्ट नहीं हो पाया है कि जिससे पता चले कि 5जी रेडिएशन की वजह से स्वास्थ्य को नुकसान पहुंचता है.

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