कई जीत बाकी है कई हार बाकी है,
अभी तो जिंदगी का सार बाकी है।
यहां से चले हैं नई मंजिल के लिए,
यह तो एक पन्ना था
अभी तो पुरी किताब बाकी है॥
ईश्वर का दिया कभी अल्प नहीं होता,
जो टूट जाए वो संकल्प नहीं होता।
हार को लक्ष्य से दूर ही रखना मेरे दोस्त,
क्योंकि जीत का कोई विकल्प नहीं होता॥
जब टूटने लगे हौसले तो यह याद रखना,
बिना मेहनत के हासिल तख्तो ताज नहीं होते।
ढूंढ़ लेना अंधेरे में ही मंजिल अपनी,
क्योंकि जुगनू कभी रोशनी के मोहताज नहीं होते॥
1 टिप्पणियाँ
Nice quests....
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